जानिए अनाज भंडारण के सुरक्षित तरीके

जानिए अनाज भंडारण के सुरक्षित तरीके

किसान भाइयों, हमारा देश एक कृषि प्रधान देश है और सदियों से यहां अनाज का उत्पादन और भंडारण होता आया है। हालांकि, आधुनिक खेती के बावजूद अनाज का सुरक्षित भंडारण आज भी एक बड़ी चुनौती है। हर साल करीब 20-25% अनाज खराब हो जाता है क्योंकि उसे सही तरीके से संरक्षित नहीं किया जाता। इसका सीधा नुकसान किसानों को उठाना पड़ता है।

आइए जानते हैं अनाज भंडारण के सुरक्षित उपाय जो आपके अनाज को नमी, कीट, दीमक और चूहों से बचाकर लंबे समय तक सुरक्षित रख सकते हैं।


अनाज भंडारण पर खतरे के प्रमुख कारण

  • नमी और मौसम का प्रभाव – कटाई के तुरंत बाद अगर अनाज सही तरीके से नहीं सुखाया जाए तो उसमें नमी रह जाती है।
  • कीटों का प्रकोप – गेहूं का खपरा, आटे की सुंडी, चावल का घुन और दालों का भृंग जैसे कीट अनाज को नष्ट कर देते हैं।
  • चूहे – अनाज खाते कम और खराब ज्यादा करते हैं। इनके बाल व मल-मूत्र अनाज को अनुपयोगी बना देते हैं।
  • सफाई की कमी – पुराने बोरे और गंदे भंडारण स्थल में पहले से मौजूद कीट अंडे देकर अनाज खराब कर देते हैं।

सुरक्षित अनाज भंडारण के खास उपाय

1. फसल कटाई व ढुलाई में सावधानी

अनाज को भंडारण से पहले 8-10 दिन धूप में सुखाना चाहिए। ट्रैक्टर ट्रॉली को अच्छी तरह साफ और सूखा लेना चाहिए। सूखा हुआ अनाज अगले दिन सुबह ही भंडारण में रखना सही रहता है।

2. भंडारण के समय सावधानियां
  • अनाज भरने से पहले बोरे या कोठियों को मैलाथियॉन के घोल से उपचारित करें।
  • खराब दाने, भूसी व कंकर निकालकर अलग करें।
  • अनाज को जमीन पर सीधे न रखें, लकड़ी के फट्टों का उपयोग करें।
3. भंडारगृह की सफाई
  • भंडारगृह की छत, फर्श और दीवारों को तारपीन तेल और सीमेंट से उपचारित करें।
  • चूहों से बचने के लिए दरवाजों के नीचे लोहे की पत्तियां लगवाएं।
  • अनाज रखने से पहले कमरे में मैलाथियॉन का छिड़काव करें।
4. सुरक्षित भंडारण तकनीक
  • बोरे दीवारों और छत से दूरी पर रखें।
  • कोठियों को साफ कर मोम या अन्य लेप लगाकर बंद करें।
  • पेस्टिसाइड का उपयोग करने के बाद कमरे को कुछ दिन बंद रखें।
5. परंपरागत तरीके
  • अनाज में सरसों का तेल, नीम की पत्तियां या राख मिलाकर रखने से कीट दूर रहते हैं।
  • ये तरीके आज भी ग्रामीण इलाकों में काफी प्रभावी हैं।
6. चूहा नियंत्रण
  • चूहों को खत्म करने के लिए जिंक फॉस्फाइड मिलाकर चारा बनाएं।
  • कम जहरीली दवाओं जैसे ब्रोमोडायोलोन का प्रयोग करें।
  • खेत खाली होने पर मई-जून में चूहों का नियंत्रण सबसे असरदार होता है।
7. दीमक से बचाव

दीमक होने पर लिंडेन पाउडर का घोल बनाकर भंडारगृह का उपचार करें।

8. कीट नियंत्रण
  • भंडारण से पहले प्रति मीट्रिक टन अनाज में एल्युमिनियम फॉस्फाइड की गोलियां डालें।
  • अगर कीट लग चुके हों तो विशेषज्ञ की देखरेख में ही दवाओं का प्रयोग करें।

किसानों को होगा फायदा

  • अनाज लंबे समय तक सुरक्षित और खाने योग्य रहेगा।
  • बाजार में अच्छे दाम पर बिक्री संभव होगी।
  • फसल के नुकसान से बचकर किसानों की आय बढ़ेगी
  • पारंपरिक और आधुनिक दोनों तकनीक अपनाकर बेहतर परिणाम मिलेंगे।

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