भारत में किसानों के सामने सबसे बड़ी चुनौती है फसलों का उचित भंडारण। खासकर बागवानी फसलों (Horticulture Crops) के मामले में यह समस्या और भी गंभीर हो जाती है। बारिश या मौसम के बदलाव के कारण कई फसलें कटाई के तुरंत बाद ही खराब हो जाती हैं।
कोरोना महामारी के दौरान यह समस्या और स्पष्ट रूप से सामने आई थी। उस समय बंपर उत्पादन होने के बावजूद उचित भंडारण न होने के कारण खेतों में ही बड़ी मात्रा में फसल खराब हो गई थी। नतीजतन किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा।
इसी समस्या का समाधान करने के लिए बिहार सरकार ने एक नई पहल शुरू की है। अब किसान और किसान उत्पादक संगठन प्री कूलिंग यूनिट (Cold Storage/Pre Cooling Unit) लगाने पर सरकार से सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं।
बिहार सरकार की प्री कूलिंग यूनिट सब्सिडी योजना
बिहार सरकार किसानों और किसान संगठनों को 18 लाख 75 हजार रुपये तक की सब्सिडी उपलब्ध करा रही है। यह योजना एकीकृत बागवानी विकास मिशन (Mission for Integrated Development of Horticulture – MIDH) के तहत चलाई जा रही है।
👉 लागत निर्धारण:
- प्री कूलिंग यूनिट की अधिकतम लागत – ₹25 लाख तय की गई है।
👉 सब्सिडी दरें:
- किसान और व्यक्तिगत निवेशक – अधिकतम लागत का 50% (₹12.50 लाख)।
- किसान उत्पादक संगठन (FPO/FPC) – अधिकतम लागत का 75% (₹18.75 लाख)।
आवेदन कैसे करें?
जो किसान या किसान संगठन इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं, वे बिहार सरकार की आधिकारिक वेबसाइट 👉 horticulture.bihar.gov.in पर जाकर नियम देख सकते हैं और ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
👉 जो किसान ऑनलाइन आवेदन करने में असमर्थ हैं, वे अपने जिले के उद्यान विभाग के सहायक निदेशक से संपर्क कर ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं।
आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज
- आधार कार्ड
- पैन कार्ड
- बैंक खाता विवरण
- मोबाइल नंबर
- पासपोर्ट साइज फोटो
- किसान होने का प्रमाण (जैसे किसान पंजीकरण)
इन दस्तावेज़ों को आवेदन पत्र के साथ संलग्न करना आवश्यक है।
किसानों को क्या होगा फायदा?
- फसलों का लंबे समय तक सुरक्षित भंडारण।
- खराब होने से होने वाले नुकसान में कमी।
- फसलों को अच्छे दाम पर बेचने का अवसर।
- बागवानी फसलों के उत्पादन को बढ़ावा।
- ग्रामीण इलाकों में कोल्ड स्टोरेज की सुविधा।


