बारिश और बाढ़ से फसल नुकसान पर किसानों को मिलेगा ₹22,500 प्रति हेक्टेयर तक मुआवजा

कृषि इनपुट अनुदान योजना 2025 – किसानों के लिए राहत

अगस्त 2025 में बिहार के कई जिलों में भारी बारिश और बाढ़ ने हजारों किसानों की फसलें तबाह कर दीं। इस नुकसान की भरपाई के लिए राज्य सरकार ने कृषि इनपुट अनुदान योजना शारदीय (खरीफ) 2025 लागू की है। इस योजना के तहत पात्र किसानों को उनकी फसलों के नुकसान पर प्रति हेक्टेयर अधिकतम ₹22,500 तक की सहायता दी जाएगी। इस कदम का उद्देश्य किसानों को आर्थिक मजबूती देना और उनकी खेती की निरंतरता बनाए रखना है।


योजना से किन किसानों को मिलेगा लाभ?

बारिश और बाढ़ से प्रभावित किसानों को यह मुआवजा दिया जाएगा। योजना फिलहाल 14 जिलों के 64 प्रखंडों और 577 पंचायतों में लागू की गई है। इन इलाकों के पात्र किसानों को ऑनलाइन आवेदन के बाद वित्तीय सहायता उपलब्ध होगी।


फसल और भूमि के प्रकार के आधार पर मुआवजा

इस योजना में अनुदान तीन श्रेणियों में मिलेगा:

  • असिंचित भूमि (वर्षा आधारित खेती): ₹8,500 प्रति हेक्टेयर
  • सिंचित भूमि (सिंचाई वाली खेती): ₹17,000 प्रति हेक्टेयर
  • शाश्वत/बहुवर्षीय फसलें (जैसे गन्ना): ₹22,500 प्रति हेक्टेयर

👉 न्यूनतम मुआवजा भी तय है – असिंचित भूमि पर ₹1,000, सिंचित पर ₹2,000 और बहुवर्षीय फसलों पर ₹2,500।
👉 एक किसान को अधिकतम 2 हेक्टेयर तक की भूमि पर ही सहायता मिलेगी।


आवेदन के लिए पात्रता शर्तें

  • फसल का नुकसान कम से कम 33% होना जरूरी।
  • किसान का पंजीकरण बिहार कृषि विभाग DBT पोर्टल पर होना चाहिए।
  • रैयत किसान को LPC/लगान रसीद (2022-23, 2023-24 या 2024-25) जमा करनी होगी।
  • गैर-रैयत किसान को प्रमाणित स्व-घोषणा पत्र जमा करना होगा।
  • आधार कार्ड और बैंक खाता लिंक होना जरूरी है।

किन जिलों के किसानों को मिलेगा लाभ?

यह योजना बिहार के इन 14 जिलों के प्रभावित किसानों के लिए लागू है:

नालंदा, भागलपुर, खगड़िया, कटिहार, बेगूसराय, लखीसराय, पटना, भोजपुर, वैशाली, मुंगेर, सारण, समस्तीपुर, मधेपुरा और शेखपुरा।


आवेदन प्रक्रिया

  • किसान dbtagriculture.bihar.gov.in पर आवेदन कर सकते हैं।
  • 13 अंकों की किसान पंजीकरण संख्या जरूरी होगी।
  • नए किसानों को पहले DBT पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा।
  • आवेदन की अंतिम तिथि 5 सितंबर 2025 तय की गई है।
  • जो किसान खुद आवेदन नहीं कर सकते, वे CSC, वसुधा केंद्र या कंप्यूटर सेंटर की मदद ले सकते हैं।

आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज

  • आधार कार्ड
  • बैंक खाता विवरण
  • खेत से संबंधित स्वामित्व प्रमाणपत्र / लगान रसीद
  • गैर-रैयत किसान के लिए प्रमाणित स्व-घोषणा पत्र

महत्वपूर्ण बातें

  • DBT पंजीकरण के लिए कोई अंतिम तिथि नहीं है।
  • आवेदन के समय OTP गोपनीय रखें।
  • DBT पंजीकरण के बाद मिलने वाली 13 अंकों की संख्या भविष्य की सभी योजनाओं के लिए मान्य होगी।
  • अधिक जानकारी के लिए किसान कॉल सेंटर टोल-फ्री नंबर 1800-180-1551 पर संपर्क कर सकते हैं।

निष्कर्ष

बारिश और बाढ़ से प्रभावित किसानों के लिए यह योजना बड़ी राहत साबित होगी। राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली यह सहायता न केवल उनके फसल नुकसान की भरपाई करेगी बल्कि उन्हें खेती जारी रखने की ताकत भी देगी।

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