भंडारण करते समय अनाज में लगने वाले कीट और उनकी रोकथाम

भंडारण करते समय अनाज में लगने वाले कीट और उनकी रोकथाम

फसल की कटाई के बाद सबसे अहम काम है फसल का सही भंडारण। यदि किसान वैज्ञानिक तरीकों से अनाज संग्रहित करें, तो फसल लंबे समय तक सुरक्षित रह सकती है। भंडारण में कीट लगने का मुख्य कारण नमी होता है। अनाज पर हमला करने वाले प्रमुख कीट लेपिडोप्टेरा और कोलिओप्टेरा आर्डर से संबंधित होते हैं।


प्रमुख कीट और उनकी पहचान

1️⃣ सुरसुरी कीट

  • रंग: भूरा-काला
  • लंबाई: 2–4 मिमी
  • विशेषता: सिर सूंड़ जैसा और आगे की ओर झुका हुआ।
  • हानि: अनाज को अंदर से खाकर खोखला बना देता है।

2️⃣ खपड़ा बीटल

  • रंग: स्लेटी भूरा
  • लंबाई: 2–2.5 मिमी
  • विशेषता: शरीर अंडाकार, सिर छोटा और रोएं से ढकी सूंडी।
  • हानि: अनाज के भ्रूण को नष्ट करता है।

3️⃣ अनाज का छोटा बेधक

  • रंग: गहरा भूरा
  • लंबाई: लगभग 3 मिमी
  • विशेषता: उड़ने में सक्षम कीट।
  • हानि: अनाज को अंदर से खोखला कर देता है और उसे आटे में बदल देता है।

4️⃣ अनाज का पतंगा

  • रंग: सुनहरा भूरा
  • लंबाई: 5–7 मिमी
  • विशेषता: नुकीली पूंछ और बालयुक्त पंख।
  • हानि: दाने में छेद कर अंदर से खाता है।

5️⃣ आटे का लाल भृंग

  • रंग: लाल-भूरा
  • लंबाई: लगभग 3 मिमी
  • विशेषता: तेज चलने और उड़ने की क्षमता।
  • हानि: अनाज, आटा और संसाधित अनाज को नुकसान पहुँचाता है।

6️⃣ दालों का भृंग

  • रंग: भूरा
  • लंबाई: लगभग 3.2 मिमी
  • विशेषता: आगे से नुकीला और पीछे से चौड़ा शरीर।
  • हानि: दानों में छेद कर उन्हें खा जाता है।

7️⃣ कटारी दाँत वाला भृंग

  • लंबाई: लगभग 1/8 इंच
  • विशेषता: शरीर के दोनों किनारों पर 6 आरीनुमा दाँत।
  • हानि: आसानी से भंडारण में पहचाने जाने वाला कीट।

कीट प्रकोप से बचाव के उपाय (भंडारण से पहले)

  • गोदाम की पूरी तरह से सफाई करें।
  • अनाज को भंडारण से पहले अच्छी तरह धूप में सुखाएं और नमी की जाँच करें
  • अनाज ढोने वाले वाहनों की सफाई पर ध्यान दें।
  • नई बोरियों का उपयोग करें, या पुरानी बोरियों को साइपरमेथ्रिन 25 EC घोल में भिगोकर छाया में सुखाएं।
  • अनाज की बोरियों को सीधे जमीन पर न रखें।
  • गोदाम में 0.5% मैलाथियान 50 EC का छिड़काव करें।
  • प्राकृतिक उपायों में कपूर, सरसों का तेल और नीम की पत्तियों का पाउडर भी उपयोगी हैं।

कीट प्रकोप के बाद के उपाय

  • नमी वाले दिनों में हर 15–20 दिन पर निरीक्षण करें।
  • समय-समय पर अनाज को धूप दिखाएं ताकि नमी कम हो सके।
  • एल्यूमीनियम फॉस्फाइड की एक गोली प्रति टन अनाज डालकर हवाबंद कर दें (सिर्फ सील भंडार में उपयोग करें)।

निष्कर्ष

भंडारण में कीटों से बचाव के लिए किसान यदि सही सफाई, नमी नियंत्रण और कीट प्रबंधन उपाय अपनाएं, तो फसल लंबे समय तक सुरक्षित रह सकती है। वैज्ञानिक तरीके से भंडारण करने से किसानों का नुकसान कम होता है और अनाज की गुणवत्ता भी बनी रहती है।

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