लीची की खेती: परिचय

लीची की खेती: परिचय

लीची एक रसीला और स्वादिष्ट फल है, जिसका वैज्ञानिक नाम Litchi chinensis है और यह Sapindaceae परिवार से संबंधित है। भारत में लीची की फसल कई राज्यों में उगाई जाती है। यह पौधा मिट्टी के मामले में ज्यादा चयनशील नहीं होता और वायरल रोगों से कम प्रभावित होता है।


लीची की फसल के लिए जलवायु

लीची उत्पादन के लिए गर्म और आर्द्र जलवायु आवश्यक है। फूल आने के लिए इसे ठंडी और शुष्क ऋतु की आवश्यकता होती है। आर्द्रता और तापमान में हल्की गिरावट फूल आने की प्रक्रिया को बढ़ावा देती है। ठंडी परिस्थितियाँ, पाला और अत्यधिक गर्मी लीची के लिए हानिकारक हैं।


लीची के लिए मिट्टी

लीची गहरी, जैविक पदार्थों से भरपूर, और अच्छी जल निकासी वाली दोमट मिट्टी में अच्छी तरह विकसित होती है। मिट्टी का pH 5.0 से 7.0 होना चाहिए। लंबे समय तक जलभराव पौधे के लिए हानिकारक होता है।


लीची की प्रमुख किस्में

भारत में लीची की कुछ लोकप्रिय और उन्नत किस्में निम्नलिखित हैं:

  1. क्वाई मी (Mauritius, Tai So) – मध्यम आकार के चमकीले लाल फल, मध्यम वृद्धि वाले पेड़।
  2. रोज़ सेंटेड – गोलाकार, दिल के आकार के फल, गुलाब की खुशबू।
  3. शाही (मुजफ्फरपुर) – मध्यम आकार के गुलाबी फल, निर्यात योग्य, प्रति पौधा 80–100 किलोग्राम उपज।
  4. चक्रपद – बड़े आकार के दिल के आकार के फल, गहरा लाल रंग, रसदार गूदा।

लीची की खेती की विधि

भूमि की तैयारी: गहरी जुताई के बाद मिट्टी में गोबर की खाद, फॉस्फेट और पोटाश डालें। गड्ढों में पौधे रोपित करते समय आवश्यक NPK डाले जाते हैं।

पौधों की तैयारी (Air Layering):

  • एक साल पुरानी, स्वस्थ शाखा चुनें।
  • शाखा पर 2 सेमी छाल उतारें और IBA या रूटोन लगाएँ।
  • गीली काई और मिट्टी के मिश्रण से लपेटकर पॉलीथीन शीट बांधें।
  • 2 महीने में जड़ें बनने के बाद नर्सरी में रोपित करें।

खेत में रोपण:

  • नर्सरी के 6 महीने बाद पौधे को 8–10 मीटर दूरी पर वर्ग पद्धति में लगाएँ।
  • गड्ढों में 40 किग्रा गोबर की खाद, 2 किग्रा नीम या करंज खली, 1 किग्रा SSP और 200–300 ग्राम MOP मिलाएँ।

प्रशिक्षण और छंटाई

  • शुरुआती चरण में पौधों को संतुलित आकार देने के लिए प्रशिक्षण दें।
  • 60–75 सेमी ऊँचाई पर विपरीत दिशा में 3–4 शाखाएँ रखें।
  • अनुपयोगी, टूटे, रोगग्रस्त और आपस में रगड़ने वाली शाखाएँ हटाएँ।
  • कटाई के बाद हल्की छंटाई से फलन और वृद्धि बढ़ती है।

कटाई और उपज

  • फलों को गुच्छों सहित टहनी के साथ तोड़ा जाता है।
  • कटाई सुबह की जाती है ताकि शेल्फ-लाइफ बनी रहे।
  • लीची मई-जून में पकती है।
  • 14–16 साल पुराने पेड़ से 80–150 किग्रा फल प्रति पेड़ मिल सकता है।

FAQ

Q1: लीची का वैज्ञानिक नाम क्या है?
A: Litchi chinensis, परिवार Sapindaceae।

Q2: लीची के लिए कौनसी जलवायु आवश्यक है?
A: गर्म और आर्द्र, फूलों के लिए ठंडी और शुष्क ऋतु।

Q3: लीची की सर्वोत्तम मिट्टी?
A: गहरी, दोमट, जैविक पदार्थों से भरपूर, pH 5.0–7.0।

Q4: प्रमुख किस्में?
A:
क्वाई मी, रोज़ सेंटेड, शाही (मुजफ्फरपुर), चक्रपद।

Q5: पौधों की तैयारी की सामान्य विधि?
A:
वायु स्तरीकरण (Air Layering)।

Q6: खेत में पौधों की दूरी?
A:
8–10 मीटर, वर्ग पद्धति।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *