दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, नई मुख्यमंत्री आतिशी और दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना
संपादकीय और राय
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, नई मुख्यमंत्री आतिशी और दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना
दिल्ली की राजनीति में हाल के दिनों में बड़े बदलाव हुए हैं। अरविंद केजरीवाल, जो दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रमुख नेता हैं, ने मुख्यमंत्री पद छोड़ दिया है। केजरीवाल ने अपने कार्यकाल के दौरान कई महत्वपूर्ण नीतियों और योजनाओं को लागू किया, जैसे मुफ्त बिजली-पानी और शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार। उनके कार्यकाल को दिल्ली की राजनीति में एक महत्वपूर्ण दौर माना जाता है।
हाल ही में आतिशी, जो आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता हैं, को दिल्ली की नई मुख्यमंत्री चुना गया है। आतिशी लंबे समय से शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रही हैं और उनकी छवि एक कुशल प्रशासक के रूप में स्थापित हो चुकी है। उन्होंने दिल्ली के सरकारी स्कूलों में सुधार की दिशा में अहम भूमिका निभाई है। मुख्यमंत्री बनने के बाद, उनसे उम्मीद की जा रही है कि वे केजरीवाल द्वारा शुरू की गई योजनाओं को आगे बढ़ाएंगी और नई नीतियां भी लागू करेंगी।
दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना की भूमिका भी इस पूरे राजनीतिक घटनाक्रम में अहम रही है। उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच कई बार प्रशासनिक मामलों को लेकर मतभेद सामने आते रहे हैं, लेकिन दोनों ने मिलकर दिल्ली के विकास के लिए कार्य किया है। वी. के. सक्सेना का अनुभव और प्रशासनिक ज्ञान, दिल्ली की सरकार के सुचारू संचालन में सहायक साबित हुआ है।
अब आतिशी के नेतृत्व में दिल्ली सरकार के सामने कई चुनौतियां हैं, जैसे स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाना, पर्यावरण सुधार, और बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान देना। इन सभी मुद्दों पर आतिशी को दिल्ली की जनता की उम्मीदों पर खरा उतरना होगा।