पाकिस्तान की अदालत ने इमरान खान की पार्टी के गिरफ्तार सांसदों की रिहाई का आदेश दिया

संपादकीय और राय

9/16/2024

पाकिस्तान की अदालत ने इमरान खान की पार्टी के गिरफ्तार सांसदों की रिहाई का आदेश दिया

16 सितंबर 2024 को पाकिस्तान की आतंकवाद-रोधी अदालत ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के उन सांसदों की तत्काल रिहाई का आदेश दिया, जिन्हें इस्लामाबाद में 8 सितंबर को हुए पार्टी के विशाल प्रदर्शन के बाद संसद भवन से गिरफ्तार किया गया था। PTI के नेता और कार्यकर्ता इस्लामाबाद में अपनी शक्ति का प्रदर्शन कर रहे थे, जिसे पुलिस और प्रशासन ने अवैध सभा करार दिया। इस घटना के बाद पार्टी के कई सांसदों को गिरफ्तार कर लिया गया था, जिन पर दंगों और आतंकवाद से संबंधित गंभीर आरोप लगाए गए थे।

अदालत में सुनवाई और जमानत का आदेश:

आतंकवाद-रोधी अदालत के जज अबुल हसनात ज़ुलक़रनैन ने इस मामले की सुनवाई की और PTI के गिरफ्तार सांसदों की जमानत याचिकाओं पर विचार किया। सुनवाई के दौरान वकीलों ने तर्क दिया कि सांसदों की गिरफ्तारी राजनीतिक प्रतिशोध के तहत की गई है, और उनके खिलाफ लगाए गए आरोप मनगढ़ंत और आधारहीन हैं। अदालत ने इन तर्कों को स्वीकार करते हुए फैसला सुनाया कि PTI के इन सांसदों को तुरंत जमानत पर रिहा किया जाए।

₹30,000 की जमानत राशि पर रिहाई:

इस्लामाबाद पुलिस ने जिन सांसदों को गिरफ्तार किया था, उनके खिलाफ संगजानी पुलिस स्टेशन में विभिन्न आरोपों के तहत मामले दर्ज किए गए थे। हालांकि, अदालत ने फैसला सुनाते हुए प्रत्येक सांसद को ₹30,000 की जमानत राशि के बदले रिहाई देने का आदेश दिया। यह जमानत आदेश अदालत द्वारा इस निष्कर्ष पर पहुंचने के बाद दिया गया कि इन नेताओं के खिलाफ पर्याप्त सबूत मौजूद नहीं थे, जिससे उनका आतंकवाद या दंगे में शामिल होना साबित होता।

PTI का प्रतिक्रिया और राजनीतिक तनाव:

इस फैसले के बाद PTI के नेताओं और समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई। पार्टी के प्रवक्ताओं ने अदालत के इस फैसले का स्वागत किया और इसे न्याय की जीत बताया। उन्होंने दावा किया कि इमरान खान और उनकी पार्टी के खिलाफ जारी कार्रवाई राजनीति से प्रेरित है, जिसका उद्देश्य PTI के प्रभाव को कमजोर करना है।

हालांकि, पाकिस्तान के राजनीतिक हालात इस समय बेहद तनावपूर्ण हैं। इमरान खान की पार्टी और सरकार के बीच विवाद और तनाव लगातार बढ़ते जा रहे हैं। PTI के नेताओं का कहना है कि वे शांतिपूर्ण ढंग से अपनी आवाज उठाते रहेंगे और सरकार के खिलाफ जनआंदोलन जारी रखेंगे। वहीं, सरकार ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि देश की सुरक्षा और स्थिरता को ध्यान में रखते हुए ऐसे कदम उठाए जा रहे हैं।

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