भारत सरकार ने हाल ही में हार्बिसाइड ग्लाइफोसेट (Herbicide Glyphosate) नामक कीटनाशक और खरपतवार नाशक पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह निर्णय किसानों और आम जनता के स्वास्थ्य और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। अब इस केमिकल का प्रयोग सिर्फ पेस्ट कंट्रोल ऑपरेटर्स (PCO) द्वारा ही किया जा सकता है, आम किसान और अन्य व्यक्ति इसका उपयोग नहीं कर पाएंगे।
प्रतिबंध का कारण
- पिछले 40 वर्षों में यह कीटनाशक लगभग डेढ़ सौ देशों में इस्तेमाल होता रहा।
- इसके नियमित प्रयोग से फसल के साथ-साथ इंसानों के स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक असर देखा गया।
- लोगों में इस केमिकल के कारण बीमारियों का जोखिम बढ़ा।
- कृषि और पर्यावरण सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सरकार ने इसे नियंत्रित किया।
कंपनियों के लिए दिशा-निर्देश
- भारत सरकार ने कंपनियों को आदेश दिया है कि तीन महीने के भीतर रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट वापस करें, अन्यथा इंसेक्टिसाइड एक्ट 1968 के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
- यह प्रतिबंध केरल सरकार की रिपोर्ट और जुलाई 2020 के मसौदे के आधार पर लागू किया गया।
- ग्लाइफोसेट के प्रयोग पर नीदरलैंड और कई अन्य देशों में भी प्रतिबंध लगाया गया है।
एसीएफआई का विरोध
एग्रोकेमिकल फेडरेशन ऑफ इंडिया (ACFI) ने सरकार के इस फैसले का विरोध किया है।
- उनका कहना है कि यह केमिकल सुरक्षित है और खेती पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
- एसीएफआई के महानिदेशक ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि इससे किसानों की लागत बढ़ेगी और खेती पर असर पड़ेगा।
किसानों के लिए संदेश
- अब से ग्लाइफोसेट का प्रयोग आम किसान नहीं कर सकते।
- खरपतवार नियंत्रण और कीट नियंत्रण के लिए जैविक विकल्प और सुरक्षित कीटनाशक अपनाना बेहतर रहेगा।
- खेती में लागत बढ़ने और फसल सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय कृषि विभाग से मार्गदर्शन लें।


