भारत में किसान अब परंपरागत खेती के साथ-साथ ब्लूबेरी जैसी हाई-वैल्यू फसलों की ओर बढ़ रहे हैं। ब्लूबेरी को विश्वभर में सुपरफूड माना जाता है और भारत में इसकी मांग तेजी से बढ़ रही है। फिटनेस और हेल्थ-कॉन्शियस लोगों के बीच इसका सेवन खास लोकप्रिय है।
महाराष्ट्र के महाबलेश्वर और पंचगनी क्षेत्र के एक किसान ने ग्रीनहाउस में ब्लूबेरी की खेती शुरू की और बताया कि पौधे लगाने के बाद यह लगभग 10 साल तक लगातार फल देता है। प्रति पौधा औसतन 2–5 किलो उत्पादन संभव है।
क्यों है ब्लूबेरी सुपरफूड?
ब्लूबेरी में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन और मिनरल्स पाए जाते हैं। इसके सेवन से –
- हृदय स्वास्थ्य बेहतर होता है
- मेमोरी पावर मजबूत होती है
- डायबिटीज कंट्रोल में मदद मिलती है
- इम्यून सिस्टम दुरुस्त होता है
इन्हीं कारणों से भारत में ब्लूबेरी की मांग लगातार बढ़ रही है और यह अब भी आयात पर निर्भर फल है।
खेती की तकनीक और जलवायु
- जलवायु: भारत में 42°C तक तापमान में भी ब्लूबेरी उगाई जा सकती है।
- रोपण का समय: अप्रैल–मई सर्वोत्तम समय है।
- फल आने का समय: पौधा लगाने के लगभग 10 महीने बाद फल मिलना शुरू होता है और फरवरी–जून तक फसल ली जा सकती है।
- सिंचाई: ड्रिप इरिगेशन सबसे अच्छा विकल्प है क्योंकि पौधे को निरंतर नमी चाहिए।
- छंटाई: बारिश के मौसम में छंटाई जरूरी है ताकि अगली फसल बेहतर हो।
उत्पादन और मुनाफा
एक एकड़ में करीब 3000 पौधे लगाए जा सकते हैं।
- चौथे साल तक प्रति पौधा औसतन 2 किलो उत्पादन = कुल 6000 किलो।
- यदि बाजार भाव ₹1000/किलो हो तो सालाना 60 लाख रुपए तक कमाई संभव है।
- पाँचवें साल से उपज बढ़कर प्रति पौधा 5 किलो तक पहुँच सकती है।
लागत और निवेश
- पौधे की कीमत: लगभग ₹800 प्रति पौधा (आयातित पौधे)।
- ग्रीनहाउस व ड्रिप सिस्टम: शुरुआती निवेश ज्यादा होता है, लेकिन लंबे समय तक फायदा देता है।
- एक बार पौधे लगाने पर 10 साल तक लगातार उत्पादन मिलता है।
मार्केटिंग और भविष्य
ब्लूबेरी का बाजार प्रीमियम श्रेणी में आता है। इसकी भारी मांग –
- मॉल्स
- सुपरमार्केट्स
- होटलों और रेस्टोरेंट्स
- ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स
पर देखने को मिलती है। सही सप्लाई चैन से जुड़कर किसान एक्सपोर्ट तक पहुंच सकते हैं।
निष्कर्ष
ब्लूबेरी की खेती उन किसानों के लिए बेहतरीन विकल्प है जो नई तकनीक अपनाकर कम क्षेत्र में अधिक मुनाफा चाहते हैं। उचित प्रबंधन, सिंचाई और बाज़ार से जुड़ाव के साथ किसान हर साल लाखों की आय कर सकते हैं।


